ऐसे है मेरे राम, ऐसे हैं मेरे राम,
विनय भरा हृदय करे सदा जिन्हें प्रणाम,
ऐसे हैं मेरे राम ऐसे हैं मेरे राम।।
हृदय कमल, नयन कमल,
सुमुख कमल, चरण कमल,
कमल के कुञ्ज तेज पुंज,
छवि ललित ललाम,
ऐसे हैं मेरे राम ऐसे हैं मेरे राम।।
राम सा पुत्र ना राम सा भ्राता,
राम सा पति नहीं राम सा त्राता,
राम सा मित्र ना राम सा दाता,
सब से निभाये सब सा नाता,
स्वभाव से उदार शांत,
सब गुणों के धाम,
ऐसे हैं मेरे राम ऐसे हैं मेरे राम।।
सारे जग के प्राण है राम,
ऋषि मुनियो का ध्यान है राम,
गन्धर्वो का गान है राम,
मर्यादा का भान है राम,
पतितों का उद्यान है राम,
धनुधारी धनवान है राम,
निश्चित ही विद्वान है राम,
सम्पूरण भगवान है राम,
जनम-मरण से मुक्ति हो,
जपो जो राम नाम,
ऐसे हैं मेरे राम ऐसे हैं मेरे राम।।
ऐसे हैं मेरे राम, ऐसे हैं मेरे राम,
विनय भरा हृदय करे सदा जिन्हें प्रणाम,
ऐसे है मेरे राम ऐसे हैं मेरे राम।।
टिप्पणी.jai shree ram ji