फागण आया प्रेमियों,
चलो खाटू दरबार।
दोहा – रंग रंगीलो फागण आयो,
लायो खुशियां हज़ार,
मची धूम खाटू नगरी में,
और भगता करे धमाल।
फागण आया प्रेमियों,
चलो खाटू दरबार,
चलो खाटू दरबार,
लीले वाले के द्वार,
फागण आया प्रेमियो,
चलो खाटू दरबार।।
तर्ज – बोलो बोलो प्रेमियों श्याम।
फागण में खाटू नगरी में,
रहता गज़ब नज़ारा,
जय श्री श्याम के नारो से है,
गूंजता खाटू सारा,
रंग रंगीला सज धज बैठा,
जग का पालनहार,
फागण आया प्रेमियो,
चलो खाटू दरबार।।
फागण में हर टाबरिया पर,
श्याम रंग चढ़ जाता,
हाथ में निशान उठा कर,
पैदल खाटू आता,
खुशियों से भर देता सबको,
करता मालामाल,
फागण आया प्रेमियो,
चलो खाटू दरबार।।
जो सबके जीवन को,
खुशियों के रंगो से सजाता,
उसको रंग चढाने का,
मौका किस्मत से आता,
लगता जैसे बुला रहे खुद,
बाबा लखदातार,
फागण आया प्रेमियो,
चलो खाटू दरबार।।
फागण आया प्रेमियो,
चलो खाटू दरबार,
चलो खाटू दरबार,
लीले वाले के द्वार,
फागण आया प्रेमियो,
चलो खाटू दरबार।।
Singer & Writer – Soni Shrivastava