फागण आयो रे,
मस्तियाँ ल्यायो रे।
दोहा – रे बड़े भाग से ग्यारस आई ‘लख्खा’,
लो आ गया फागण मेला,
इस दुनिया में जब तक हम है,
रे ख़तम ना होगा झमेला,
दम का क्या भरोसा है,
आए के ना आए,
चल फिर खाटू नगरी रे ‘लख्खा’,
बाबा श्याम के दर्शन पाएं।
फागण आयो रे,
मस्तियाँ ल्यायो रे,
आयी रे ग्यारस की रात,
अजी ये मेला है श्याम का,
यो फागन आयो रे,
मस्तियाँ ल्यायो रे,
आयी रे ग्यारस की रात।bd।
तर्ज – हम तुम चोरी से।
खाटू में बाबा के,
भक्तों की टोलियां आई,
श्याम ध्वजा ले आए,
हाथों में लोग लुगाई,
डंका आज बाज रहा,
बाज रहा,
दुनिया में श्याम का,
यो फागन आयो रे,
मस्तियाँ ल्यायो रे,
आयी रे ग्यारस की रात।bd।
सोने के सिंघासन,
पे बैठा लखदातारी,
रंग गुलाल उड़ाओ,
भर के मारो पिचकारी,
रंग दो रे प्रेम से,
प्रेम से,
दरबार श्याम का,
यो फागन आयो रे,
मस्तियाँ ल्यायो रे,
आयी रे ग्यारस की रात।bd।
२०२४ का,
ये फागण मेला आया,
श्याम धणी ने भक्तो को,
लो खाटू में है बुलाया,
मिल जाएगा आज फिर,
आज फिर,
मुझे प्यार श्याम का,
यो फागन आयो रे,
मस्तियाँ ल्यायो रे,
आयी रे ग्यारस की रात।bd।
खूब धमाल मचेगी,
चालो जी खाटू चालो,
‘हर्ष’ श्याम के दर पे,
जाकर के घूमर घालो,
बोल रे ‘लख्खा’ प्यार से,
प्यार से,
जयकारा श्याम का,
यो फागन आयो रे,
मस्तियाँ ल्यायो रे,
आयी रे ग्यारस की रात।bd।
फागुण आयो रे,
मस्तियाँ ल्यायो रे,
आयी रे ग्यारस की रात,
अजी ये मेला है श्याम का,
यो फागन आयो रे,
मस्तियाँ ल्यायो रे,
आयी रे ग्यारस की रात।bd।
Singer – Lakhbir Singh Lakha Ji