फागण आयो रे सांवरिया,
थारी याद सतावे रे,
फागण आयो रें,
याद सतावे नींद ना आवे,
मन भरमावे रे,
फागण आयो रें।।
तर्ज – धमाल।
भगता पग घुंघरिया बांध्या,
नाचे हो मतवाला रे,
मन को मोर उड़ खाटू आवे,
मन को मोर उड़ खाटू आवे,
जद सुख पावे रे,
फागण आयो रें।।
श्याम रंग में रंगी धमाला,
और रंग नहीं भावे रे,
चंगा ऊपर थाप थाप में,
श्याम मनावे रे,
फागण आयो रें।।
रंग बिरंगी उड़े गुलाला,
‘चेतन’ रस बरसावे रे,
‘चंपा’ फाग श्याम संग खेलूं,
‘चंपा’ फाग श्याम संग खेलूं,
भव तर जाए रे,
फागण आयो रें।।
फागण आयो रे सांवरिया,
थारी याद सतावे रे,
फागण आयो रें,
याद सतावे नींद ना आवे,
मन भरमावे रे,
फागण आयो रें।।
गायक – चैतन्य दाधीच।