फागण की रुत ये लाई बहार,
मन में उमंगें छाई अपार,
प्यारा ये नज़ारा है मेरे सांवरे,
झूमे जग सारा है मेरे सांवरे।।
तर्ज – आने से उसके।
आ गए हम बाबा,
तेरी चौखट पे तुझको मनाने,
मांगने ना आये,
आये थोड़ा सा रंग लगाने,
रंगो से लाल करें,
चेहरा ये तुम्हारा है मेरे सांवरे,
झूमे जग सारा है मेरे सांवरे।।
सुन सुनाई देती,
ढोल ढपली की तान सुहानी,
तू भी आजा बाबा,
मत कर श्याम तू मनमानी,
आज तेरे भक्तों ने,
तुझको पुकारा है मेरे सांवरे,
झूमे जग सारा है मेरे सांवरे।।
सोच ले कन्हैया,
ये मौका दोबारा ना आये,
प्रेमियों को अपने,
बोल कान्हा क्यों इतना सताये,
देख ज़रा ‘शिवम’ ये,
लाल तुम्हारा है मेरे सांवरे,
झूमे जग सारा है मेरे सांवरे।।
फागण की रुत ये लाई बहार,
मन में उमंगें छाई अपार,
प्यारा ये नज़ारा है मेरे सांवरे,
झूमे जग सारा है मेरे सांवरे।।
Singer – Sakshi Agarwal