फागुण की बेला आई,
खाटू में मस्ती छाई,
मेरे श्याम धणी को रिझाएंगे,
चलो रे चलो खाटू में,
फागण की बेला आई,
खाटू में मस्ती छाई।।
हाथों में ले निशान श्याम का,
और ज़ुबा पे नाम श्याम का,
रिंगस से खाटू जाएँगे,
चलो रे चलो खाटू में,
फागण की बेला आई,
खाटू में मस्ती छाई।।
साँवरिया के दर्शन करके,
प्रेमियों संग में कीर्तन करके,
बाबा को भजन सुनाएँगे,
चलो रे चलो खाटू में,
फागण की बेला आई,
खाटू में मस्ती छाई।।
रंग उड़ेगा गुलाल उड़ेगा,
खाटू में तो धमाल मचेगा,
होली श्याम के संग में मनाएँगे,
चलो रे चलो खाटू में,
फागण की बेला आई,
खाटू में मस्ती छाई।।
‘विशन’ ने की है बात काम की,
‘हर्ष निवान’ ने झट से मान ली,
चलो चलो तकदीरे खुलवाएँगे,
चलो रे चलो खाटू में,
फागण की बेला आई,
खाटू में मस्ती छाई।।
फागुण की बेला आई,
खाटू में मस्ती छाई,
मेरे श्याम धणी को रिझाएंगे,
चलो रे चलो खाटू में,
फागण की बेला आई,
खाटू में मस्ती छाई।।
Singer – Vishan Vairagi