जब सर पे बाबोसा का हाथ,
फिकर फिर क्यों करे,
तेरी बिगड़ी बनेगी हर बात,
तू दुनिया से क्यों डरे,
जब सिर पे बाबोसा का हाथ।।
तर्ज – गली में आज।
सुख दुख का बाबोसा सहारा,
दुखियो का ये पालनहारा,
बनके साया चले ये दिन रात,
बनके साया चले ये दिन रात,
तू दुनिया से क्यों डरे,
जब सिर पे बाबोसा का हाथ।।
रख इनपे पूरा भरोसा,
हारने न देगे बाबोसा,
देगा खुशियो की ये सौगात,
देगा खुशियो की ये सौगात,
तू दुनिया से क्यों डरे,
जब सिर पे बाबोसा का हाथ।।
करदे अर्पण ‘दिलबर’ जीवन,
फिर सुलझे तेरी हर उलझन,
रिया होगी कृपा की बरसात,
रिया होगी कृपा की बरसात,
तू दुनिया से क्यों डरे,
जब सिर पे बाबोसा का हाथ।।
जब सर पे बाबोसा का हाथ,
फिकर फिर क्यों करे,
तेरी बिगड़ी बनेगी हर बात,
तू दुनिया से क्यों डरे,
जब सिर पे बाबोसा का हाथ।।
गायिका – रिया जैन।
लेखक – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365