गाईला तोहरो हम भजनिया हो,
दोहा – हंस वाहिनी माँ मेरी,
रखना मेरी लाज,
ऐसी कृपा कीजिए,
सफल होय सब काज।
गाईला तोहरो हम भजनिया हो,
हे मइया बिणवा बजाइदा।।
तोहरा ही पूजन में मनवा लगाइला,
दर्शन के पावे खातिर तोहके बोलाइला,
पूजीला राउर चरनवां हो,
हे मइया बिणवा बजाइदा।।
भक्ति भाव साधना से तोहके रिझाइला,
तोहरा कृपा से भजन रोज गाईला,
आपके लगावा तू असनवां हो,
हे मइया बिणवा बजाइदा।।
‘हरिवंश’ दास मैया भजन तोहरा गावे,
बिणवा बजावे खातिर तोहके बोलावे,
सूनेला पूरा ई जहनवां हो,
हे मइया बिणवा बजाइदा।।
गाईला तोहरो हम भजनिया हों,
हे मइया बिणवा बजाइदा।।
लेखक / गायक – हरिवंश प्रताप।
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