गजानंद स्वामी कर दो करम,
श्लोक – गजाननं भूतगणादि सेवितं,
कपित्थजम्बूफलसार भक्षितम्,
उमासुतं शोकविनाशकारणं,
नमामि विघ्नेश्वर पादपङ्कजम्।।
नमस्कार करते है चरणों में हम,
गजानंद स्वामी कर दो करम,
गजानन्द स्वामी कर दो करम।।
तर्ज – बहुत प्यार करते है।
तीनो लोको की किनी परिक्रमा,
तीनो लोको की किनी परिक्रमा,
पार ना पाए तुमसे विष्णु और ब्रम्हा,
पार ना पाए तुमसे विष्णु और ब्रम्हा,
रिद्धि और सिद्धि के तुम हो परम,
गजानन्द स्वामी कर दो करम,
गजानन्द स्वामी कर दो करम।।
माता गौरा की आँख के तारे,
मैया गौरा की आँख के तारे,
दर्शन करके प्राणन प्यारे,
दर्शन करके प्राणन प्यारे,
तुम्हरे चरणों में सदा रहे हम,
गजानन्द स्वामी कर दो करम,
गजानन्द स्वामी कर दो करम।।
नमस्कार करते है चरणों में हम,
गजानन्द स्वामी कर दो करम,
गजानन्द स्वामी कर दो करम।।
गायक – गोलू ओझा अशोकनगर।