गजरों लायो जी सांवरिया,
गजरों करो म्हारो स्वीकार,
गजरो ल्यायो जी,
ऐसो गजरो कदे कदे बने,
या में रंग हज़ार,
गजरो ल्यायो जी।।
या गजरे में भात भात के,
मैने फूल सजाए हैं,
चंपा संग चमेली महके,
गेंदा और गुलनार,
गजरो ल्यायो जी।।
सदाबहार रहे यो गजरो,
फूल कदे ना मुरझावे,
क्योकि इस गजरे में महके,
सब भक्ता का प्यार,
गजरो ल्यायो जी।।
जो भी देखे इस गजरो को,
बस देखता ही रह जाए,
इसे पहन के लाखो में एक,
लागे लखदातार,
गजरो ल्यायो जी।।
‘लख्खा’ फूल नही हैं इसमे,
मन भक्ता के पिरोए हैं,
गले सजाले इसको बाबा,
साँवरिया सरकार,
गजरो ल्यायो जी।।
गजरों लायो जी सांवरिया,
गजरों करो म्हारो स्वीकार,
गजरो ल्यायो जी,
ऐसो गजरो कदे कदे बने,
या में रंग हज़ार,
गजरो ल्यायो जी।।
गायक – लख्खा जी।
प्रेषक – दीपक पाटीदार।
8305002692