गांव गांव और गली गली में,
ढूंढे कृष्ण कन्हैया को,
थोड़ा सा कालो है रे,
थोड़ा सा गौरो है रे,
ओ मंडपिया वालों है रे,
मारो सांवरियो।।
मोर मुकुट पीतांबर सोवे,
गले वैजयंती माला रे,
हाथ में मुरली सोवे,
संग साथिंड़ा डोले,
हंस हंस के मुखड़े बोले,
मारो सांवरियो।।
हाथ में घुंघरू पांव में पायल,
चाल चले मतवाली रे,
सांवली सूरत है रे,
मोहनी मूरत है रे,
राधा रो रसिया है रे,
मारो सांवरिया।।
ढूंढ ढूंढ मैं हार गई रे,
ना ढूंढो कृष्ण कन्हाई को,
अब तो आज बनवारी,
फिरू मैं मारी मारी,
छूटे है सांस मेरी,
मारो सांवरिया।।
गांव गांव और गली गली में,
ढूंढे कृष्ण कन्हैया को,
थोड़ा सा कालो है रे,
थोड़ा सा गौरो है रे,
ओ मंडपिया वालों है रे,
मारो सांवरियो।।
गायक – रोहित कंडारा।
9256657809