गंगा किनारे मंदिर तेरा,
भूतो का तू स्वामी है,
सारी दुनिया बोले तुझको,
बाबा औघड़ दानी है।।
तर्ज – चाँद सी महबूबा हो मेरी
मरघट के पास में डेरा है,
क्या अद्भुत तेरा बसेरा है,
पीछे में गंग की धारा है,
तेरा धाम बड़ा ही प्यारा है,
तेरा धाम बड़ा ही प्यारा है,
देव तुम्हारी महिमा गाए,
माया किसने जानी है,
सारी दुनिया बोले तुझको,
बाबा औघड़ दानी है।
गंगा किनारे मंदिर तेरा,
भूतो का तू स्वामी है,
सारी दुनिया बोले तुझको,
बाबा औघड़ दानी है।।
माथे पर तेरे चंदा है,
और बहती जटा में गंगा है,
भूतो के साथ में रहता है,
और काटे यम का फंदा है,
और काटे यम का फंदा है,
शमशानों में धुनि रमाये,
ये क्या तूने ठानी है,
सारी दुनिया बोले तुझको,
बाबा औघड़ दानी है।
गंगा किनारे मंदिर तेरा,
भूतो का तू स्वामी है,
सारी दुनिया बोले तुझको,
बाबा औघड़ दानी है।।
जिसने भी तेरा नाम जपा,
उसका तूने कल्याण किया,
जो रोज नियम से पूजा करे,
उसको तो मालामाल किया,
उसको तो मालामाल किया,
तीनो लोको में दूजा ना,
तुझसा कोई दानी है,
सारी दुनिया बोले तुझको,
बाबा औघड़ दानी है।
गंगा किनारे मंदिर तेरा,
भूतो का तू स्वामी है,
सारी दुनिया बोले तुझको,
बाबा औघड़ दानी है।।
तू भूतेश्वर कहलाता है,
तू सबका भाग्य विधाता है,
जो भक्त ख़ुशी से ध्यान धरे,
तू उनका साथ निभाता है,
तू उनका साथ निभाता है,
भूतेश्वर बाबा का भक्तो,
और ना कोई सानी है,
सारी दुनिया बोले तुझको,
बाबा औघड़ दानी है।
गंगा किनारे मंदिर तेरा,
भूतो का तू स्वामी है,
सारी दुनिया बोले तुझको,
बाबा औघड़ दानी है।।