गणपत को मनाते हैं पहले,
गणपत को मनाते है पहले,
देव हो या कोई,
देव हो या कोई,
ध्यान तेरा लगाते हैं पहले,
गणपति को मनाते हैं पहले।।
तर्ज – हम तुम्हें चाहते हैं ऐसे।
पूजा कीर्तन हो या काम कोई,
पूजा कीर्तन हो या काम कोई,
आवाहन बिना,
आवाहन बिना,
तेरे होते नहीं शुभकारी,
गणपति को मनाते हैं पहले।।
वन्दना ब्रह्म विष्णु भी करते,
वन्दना ब्रह्म विष्णु भी करते,
शिव भी होके,
शिव भी होके पिता,
भूलते हैं नहीं तेरी महिमा,
गणपति को मनाते हैं पहले।।
बुद्धि दाता है तू मंगलकारी,
बुद्धि दाता है तू मंगलकारी,
विघ्ननाशक,
विघ्ननाशक है तू,
दूर संकट हमारे है करता,
गणपति को मनाते हैं पहले।।
शुभ लाभ की आशा हम करते,
शुभ लाभ की आशा हम करते;
देकर ये हमें,
देकर ये हमें,
तू हमारी ‘फतेह’ कर देना,
गणपति को मनाते हैं पहले।।
गणपत को मनाते हैं पहले,
गणपत को मनाते है पहले;
देव हो या कोई,
देव हो या कोई,
ध्यान तेरा लगाते हैं पहले,
गणपति को मनाते हैं पहले।।
लेखक / प्रेषक – फतेह लाल महावर।
8290110965
विडियो उपलब्ध नहीं।