ऊंचा तो ऊंचा ए,
भवानी थारा डूंगरा है माँ,
डुंगर ऊपर बोले झीणा मोर,
गरबे रमण आवजो है माँ,
डूंगरा ऊपर बोले झीणा मोर,
गरबें रमण आवजों है माँ।।
चांदी सो चमके ओ,
गढ़ देशाणो सोवणो है माँ,
देशाणे सु कर्नल माँ,
गरबें रमण आवजों है माँ।।
आस पुरावे ओ,
नाडोल नगरी सोवणी है माँ,
नाडोल सु आशापुरा माँ,
गरबें रमण आवजों है माँ।।
जग में पूजिजे ओ,
आ साची नगरी ओसिया है माँ,
ओसिया सु सच्चियाय माँ,
गरबें रमण आवजों है माँ।।
ऊंचे गगन में ओ,
अम्बे माँ थारो धाम आरासुरी माँ,
चांचर ना चौक में माँ,
गरबें रमण आवजों है माँ।।
ऊंचा तो ऊंचा ए,
भवानी थारा डूंगरा है माँ,
डुंगर ऊपर बोले झीणा मोर,
गरबे रमण आवजो है माँ,
डूंगरा ऊपर बोले झीणा मोर,
गरबें रमण आवजों है माँ।।
स्वर – लखन जानी।
8502998934