सौ तीरथ का पुण्य मिलेगा,
मिलेगा हर दुःख से आराम,
गौ माता की सेवा करले,
समझ ले हो गए चारो धाम।।
जिसने गौ की सेवा कर ली,
वो जीवन तो निहाल है,
गौ पालन से ही कन्हैया,
कहलाये गोपाल है,
गौ माता से प्रेम तू करले,
तेरे हो जाएंगे श्याम,
गौ माता की सेवा करलें,
समझ ले हो गए चारो धाम।।
जिसके एक स्पर्श से होता,
कितने ही पापो का नाश,
देवी देवता नदियाँ तीरथ,
करते जिसमे हर पल वास,
वेद पुराण और संत मुनि भी,
करते है जिसको प्रणाम,
गौ माता की सेवा करलें,
समझ ले हो गए चारो धाम।।
चाह कर भी तू भुला सके ना,
गौ माँ के अहसान को,
पूजना है तो पूज तू ‘सोनू’,
धरती के भगवान को,
जय गौ माता जय गोपाल,
रटते रहो सुबह शाम,
गौ माता की सेवा करलें,
समझ ले हो गए चारो धाम।।
सौ तीरथ का पुण्य मिलेगा,
मिलेगा हर दुःख से आराम,
गौ माता की सेवा करले,
समझ ले हो गए चारो धाम।।
स्वर – मनीष मेहता।