गौरा लल्ला को मनाओ तो जाने,
घर इनको बुलाओ तो जाने।।
बुद्धि के दाता हैं ये तो प्रभु,
देते हैं बुद्धि और ज्ञान,
इनको जो पूजे और इनको भजे,
मिलता है जग में उसे मान,
इसको मनाया तो क्या किया,
उसको मनाया तो क्या किया,
गौरा लल्ला को मनाओं तो जाने,
घर इनको बुलाओ तो जाने।।
हैं देवताओँ में सबसे बड़े,
सेवा में इनकी सभी हैं खड़े,
हैं देवताओँ में सबसे बड़े,
सेवा में इनकी सभी हैं खड़े,
सब इनको प्रथम पूजक माने,
गौरा लल्ला को मनाओं तो जाने,
घर इनको बुलाओ तो जाने।।
कुछ और इनको है भाता नहीं,
लड्डू और मोदक हैं भाते इन्हें,
माता मनाये तो माने नहीं,
खुश हों जो मोदक खिलाये इन्हें,
मेवा खिलाओ तो माने नहीं,
मिश्री खिलाओ तो माने नहीं,
भोग लड्डू का लगाओ तो माने,
गौरा लल्ला को मनाओं तो जाने,
घर इनको बुलाओ तो जाने।।
है विघ्नहर्ता विनायक भी ये,
कष्टों में होते सहायक भी ये,
पूजो अगर सच्चे मन से इन्हें,
हैं लाभ और शुभ के दायक भी ये,
हैं रिद्धि सिद्धि के दाता यही,
हैं धन और दौलत के दाता यही,
इनकी भक्ति को पाओ तो जाने,
गौरा लल्ला को मनाओं तो जाने,
घर इनको बुलाओ तो जाने।।
गौरा लल्ला को मनाओ तो जाने,
घर इनको बुलाओ तो जाने।।
गायक / प्रेषक – मनोज कुमार खरे।