गिरिराज की शरण में,
हमें मिल गया ठिकाना,
गिरिराज की तलहटी,
नहीं छोड़ के है जाना,
गिरीराज की शरण में,
हमें मिल गया ठिकाना।bd।
गुरुदेव की कृपा से,
गिरिराज वास पाया,
रहूं नित मगन मैं इनमे,
आनंद ह्रदय समाया,
संतो का संग पा के,
संतो का संग पा के,
दिल हो गया दीवाना,
गिरीराज की शरण में,
हमें मिल गया ठिकाना।bd।
नहीं मोक्ष की है इच्छा,
बैकुंठ मैं ना चाहूँ,
जब भी जनम मिले तो,
गिरिराज वास पाऊं,
कहे ‘चित्र विचित्र’ प्यारे,
कहे ‘चित्र विचित्र’ प्यारे,
ना कभी हमें भूलाना,
Bhajan Diary Lyrics,
गिरीराज की शरण में,
हमें मिल गया ठिकाना।bd।
गिरिराज की शरण में,
हमें मिल गया ठिकाना,
गिरिराज की तलहटी,
नहीं छोड़ के है जाना,
गिरीराज की शरण में,
हमें मिल गया ठिकाना।bd।
स्वर – श्री चित्र विचित्र जी महाराज।