गोपालो झलके अंखियन में,
नन्दलालो झलके अंखियन में।।
मोर मुकुट पीताम्बर सोहे,
मोर मुकुट पीताम्बर सोहे,
वो घूंघर वाले बालों में,
वो घूंघर वाले बालों में,
गोपालो झलके अँखियन में,
नन्दलालो झलके अँखियन में।।
हाथ मुरलिया ने काँधे कमलिया,
हाथ मुरलिया ने काँधे कमलिया,
और कुण्डल झलके कानो में,
और कुण्डल झलके कानो में,
गोपालो झलके अँखियन में,
नन्दलालो झलके अँखियन में।।
बाग़ बगीचा कलियाँ देखि,
बाग़ बगीचा कलियाँ देखि,
और नजरे डाली फूलों में,
और नजरे डाली फूलों में,
गोपालो झलके अँखियन में,
नन्दलालो झलके अँखियन में।।
जित देखूं उत गोपालो है,
जित देखूं उत गोपालो है,
वो गोपी गाया ग्वालों में,
वो गोपी गाया ग्वालों में,
गोपालो झलके अँखियन में,
नन्दलालो झलके अँखियन में।।
कान्हो ही कान्हो बस गयो मन में,
कान्हो ही कान्हो बस गयो मन में,
और कुछ नहीं आवे ख्यालों में,
और कुछ नहीं आवे ख्यालों में,
गोपालो झलके अँखियन में,
नन्दलालो झलके अँखियन में।।
गाया बछड़ा सब कोई बोले,
गाया बछड़ा सब कोई बोले,
और भंवरा बोले बगियन में,
और भंवरा बोले बगियन में,
गोपालो झलके अँखियन में,
नन्दलालो झलके अँखियन में।।
गली गली में शोर मच्यो है,
गली गली में शोर मच्यो है,
और चर्चा हो रही गलियन में,
और चर्चा हो रही गलियन में,
गोपालो झलके अँखियन में,
नन्दलालो झलके अँखियन में।।
गोपालो झलके अंखियन में,
नन्दलालो झलके अंखियन में।।
स्वर – संत श्री कमल किशोर जी नागर।
Bahut hi badiya lga hame bhajan isse bahut hi prerna multi h or hamare parivar Bali ko bhi bahut achchha lga man ko bahut Shanti multi h all family member