गोरख बाबा दे दे नै,
तू सोने का पहाड़,
तेरी दया तै होज्या बाबा,
सूथरा जूगाड़।।
लागरया सै टोटे का लपेटा गात म्ह,
चिन्ता म्ह नीन्द नही आवै रात म्ह,
कर्जे के कागचां नै दयूँगा बाबा पाड़,
तेरी दया तै होज्या बाबा,
सूथरा जूगाड़।।
मेरा भी करादे बाबा सेठां म तू नाम,
तेरा भी बणादयूं बाबा ऊँचा सा मै धाम,
बारणे म्ह लगवादयूंगा सोने का किवाड़,
तेरी दया तै होज्या बाबा,
सूथरा जूगाड़।।
कर्म धर्म के करुंगा मै सदा,
पाप करण तै डरुंगा मै सदा,
गलती म्ह आग्या तो तोड़ दिए नाड़,
तेरी दया तै होज्या बाबा,
सूथरा जूगाड़।।
खोया प्रकाश तेरे प्यार म्ह घणा,
गजेन्द्र स्वामी का काम दे बणा,
रोज रोज माँगणे की मेट दे नै राहड़,
तेरी दया तै होज्या बाबा,
सूथरा जूगाड़।।
गोरख बाबा दे दे नै,
तू सोने का पहाड़,
तेरी दया तै होज्या बाबा,
सूथरा जूगाड़।।
गायक – लक्की शर्मा।
लेखक – गजेन्द्र स्वामी।
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