गोविंदा गोपाला,
मुरली मनोहर नंदलाला।
दोहा – शरणागत को तारते,
नटनागर गोपाल,
निशदिन भजिये सांवरा,
गोविंद दीनदयाल।
गोविंदा गोपाला,
मुरली मनोहर नंदलाला,
मेरे नंदलाला मेरे गोपाला,
मेरे नंदलाला मेरे गोपाला,
गोविँदा गोपाला,
मुरली मनोहर नंदलाला।।
बार बार उसने भक्तो को,
इन्तेहान में डाला,
पर्वत से प्रहलाद को जिसने,
गेंद की तरह उछाला,
मीरा सोना कुंदन बन गई,
पीकर जहर प्याला,
पहले पिया प्याला,
बाद में आया मुरली वाला,
गोविँदा गोपाला,
मुरली मनोहर नंदलाला।।
उसको पाना चाहे तो,
कुछ सीख ले नंदे नाई से,
या फिर पुस्तक पढ़ ले प्यारे,
जाके सदन कसाई से,
कान पकड़ कर तोबा करले,
पहले यार बुराई से,
जहर का प्याला पीना पहले,
सीख तू मीराबाई से,
गोविँदा गोपाला,
मुरली मनोहर नंदलाला।।
भक्ति तो तू करता है पर,
मन में कपट जमाने का,
देख के तेरी कूढ़ सजावट,
भईया वो नही आने का,
जब तक सत्संग साबुन से ना,
मन की मेल हटाने का,
तब तक तेरे छिलके तो क्या,
केले भी नही खाने का,
गोविँदा गोपाला,
मुरली मनोहर नंदलाला।।
तेरे नाम बिना है जग में,
चारो ओर अँधेरा,
तेरे नाम से ही जीवन में,
सुन्दर मधुर सवेरा,
नजर महर की हो जाये तो,
जीवन सफल है तेरा,
तेरी शरण मिले तो कट जाए,
आवागमन का फेरा,
गोविँदा गोपाला,
मुरली मनोहर नंदलाला।।
गोविंदा गोपाला,
मुरली मनोहर नंदलाला,
मेरे नंदलाला मेरे गोपाला,
मेरे नंदलाला मेरे गोपाला,
गोविँदा गोपाला,
मुरली मनोहर नंदलाला।।
Singer – Pooja Nidhi