गलें नाग हाथ डमरू,
गौतमजी रो मेलो पहाडा में,
सिवरू भूरीया बाबा ने,
ए गले नाग हाथ में डमरू,
गौतमजी रो मेलो पहाडा मे,
सिवरू मे भूरीया बाबा ने।।
ए गले नाग हाथ डमरू,
गौतमजी रो मेलो पहाडा मे,
सिवरू भूरीया बाबा ने,
अरे तीन जिलो रा मेणा आवे,
अरे तीन जिलो रा मेणा आवे,
गौतमजी रा दर्शन पावा ने,
सिवरू भूरीया बाबा ने,
गौतमजी रा दर्शन पावा ने,
सिवरू रे भूरीया बाबा ने।।
ए संग पार्वता गोद गणेश,
गंगा सोवे जटा मे,
सिवरू रे भूरीया बाबा ने,
अरे संग पार्वता गोद गणेश,
गंगा सोवे जटा मे,
सिवरू रे भूरीया बाबा ने,
गौतमजी रो मेलो पहाडा मे।।
ए मेला में गंगा मैया आवे,
मेला में पानी पावाने,
सिवरू रे भूरीया बाबा ने,
मेला में गंगा मैया आवे,
मेला में पानी पावाने,
सिवरू रे भूरीया बाबा,
गौतमजी रो मेलो पहाडा मे,
सिवरू रे भूरीया बाबा ने।।
ए नदी किनारे मन्दिर भारी,
नर नारी आवे दर्शन ने,
सिवरू रे भूरीया बाबा ने,
अरे नदी किनारे मन्दिर भारी,
नर नारी आवे दर्शन ने,
सिवरू भूरीया बाबा ने,
गौतमजी रो मेलो पहाडा मे,
सिवरू भूरीया बाबा ने।।
ए नदीया मायने मेलो लागे,
झूला मे मन झूलवादे,
सिवरू भूरीया बाबा ने,
अरे ढोले हिण्डा लेवादे,
सिवरू भूरीया बाबा ने,
ए गौतमजी रो मेलो पहाडा मे,
सिवरू भूरीया बाबा ने।।
ए दास मोहन महिमा गावे,
गौतमजी रा दर्शन करवाने,
सिवरू भूरीया बाबा ने,
ए दास मोहन महिमा गावे,
गौतमजी रा दर्शन करवाने,
सिवरू भूरीया बाबा ने,
अरे गलें नाग हाथ में डमरू,
गौतमजी रो मेलो पहाडा मे,
गौतमजी रो मेलो पहाडा मे,
सिवरू भूरीया बाबा ने।।
गायक – संत मोहनलाल जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818