गुणवान मेरे गणपति,
बुद्धि के है दाता,
है मेरे दाता सबके दाता,
भाग्य विधाता,
मेरे दाता मेरे दाता,
मेरे दाता मेरे दाता,
है मेरे दाता सबके दाता,
भाग्य विधाता।।
बैठे है ऊँचे आसन पर,
डाले तन दुशाला है,
वो ही सुनने वाला है,
वो ही सूंड वाला है,
गजमुखधर विशाला है,
गजवदन निराला है,
तीनो लोक में देखो,
जपते जिनकी माला है,
माता है सती पार्वती,
पिता भोला भाला है,
वो ही सुनने वाला है,
पुत्र सूंड वाला है।
बिगड़ी बनाने वाला,
बिगड़ी को बनाता,
आई हर मुसीबत को,
पल में मिटाता,
है मेरे दाता सबके दाता,
भाग्य विधाता।।
करले भक्ति तू मनवा,
काम तेरे आएगी,
फूटी हुई किस्मत भी,
तेरी बदल जाएगी,
हर कारज में आते है,
पहले मेरे गणराजा,
देवो के देव महादेवा,
मेरे गणराजा,
आवाज में है गणराजा,
साज में है गणराजा,
राज में है गणराजा,
ताज में है गणराजा।
लाज में है गणराजा,
लाज बचाता,
भक्तो को थाम लेता,
दुष्टो को गिराता,
है मेरे दाता सबके दाता,
भाग्य विधाता।।
गुणवान मेरे गणपति,
बुद्धि के है दाता,
है मेरे दाता सबके दाता,
भाग्य विधाता,
मेरे दाता मेरे दाता,
मेरे दाता मेरे दाता,
है मेरे दाता सबके दाता,
भाग्य विधाता।।
गायक – शिवाजी पाटिल।
8819041006
लेखक – सालगराम पाटिल।