गुरु की दुआई मैं तो,
झूठ कोनी बोला रे हे।
दोहा – रामा मोरी राखियो,
अबके डोरी हाथ,
और नहीं म्हारे आसरो,
आप बिना रघुनाथ।
गुरु की दुआई मैं तो,
झूठ कोनी बोला रे हे,
बापजी मिल्या म्हाने,
भुजा रे पसार,
बापजी ने जाणे,
भाई रे जुग संसार,
गुरु की दुआई मैं तो,
झूठ कोनी बोलां रे हे।।
उड़ती बात बेंगटी में आई रे हे,
हड़बू करे मन में सोच विचार,
पर्दे हो गया पृथ्वी का राजा रे हे,
बापजी ने जाणे जुग संसार।।
तुरंग पिलाण चढ़िया हड़बू मार्ग हे,
निरख रया धरा रे गिगनार,
मुख में चुण मंडोळी लेके आई रामा हा,
हरिये तरवर बैठी आय।।
नीलो नीलो घोडों रामा हाथा माई सेलो रे हे,
आवता दिखे एकल असवार,
मेले की जाल मिल्या मौसियायरा,
जाजम दीनी रे जुगत कर ढाळ,
मोती चूर मिठाई बाबो बांटे रे हे,
अमला तणी धणी करे मनवार।।
के हड़बू सुणो सिद्द रामा रे हे,
किण दोखी तो उड़ाई थोरी बात,
केई नर कूड़ा भाई केई नर साँचा रे हे,
मन के मते भाई चाले संसार।।
हड़बू चालो नी रुणेचा हा,
मैं आवां थोरे लारो लार,
रत्न कटोरों माता मैणादे ने देयो रे हे,
भेल गेडियो भीरमदे रे हाथ,
वेदों री पुस्तक दादोसा ने देयो रे हे,
तंवरों ने देयो म्हारी रामो राम।।
दोनूं वीर सह जोड़े चढ़िया हा,
ने पकड़ी बागे री साल,
समन्दों री बून्द समन्द माही मिलगी ही,
किसे ठिकाणे हेरू जाय।।
सिरख पतरना हिंगलू ढोलिया हा,
क्यूँ थे बाँधिया हरिया रुमाल,
बैठ्या थे तंवरा उमणा दुमणा हा,
बैठ्या ओ थे ओ खरडो बिछाय।।
थे हड़बू म्हाने मौसा बोलो हो,
बाप जी ने जाणे भाई जुग संसार,
भीरा से पहली डाली बाई सीधा हा,
पीछे पूग्या भाई सत अवतार।।
रळ मिळ तंवरा मतों रे उपायों रे हे,
जा खोदी पीरा की पटसाल,
केसर केवड़ा किस्तूरी महके हे,
पीरजी बोल्या भाई छप्पन पीयाळ।।
काबा होहियो खोस के खाहियो हे,
बिक जाहियो भाने के लार,
हरि शरणे में भाटी हरजी बोले रे हे,
बोले सांकलों सोच विचार।।
गुरु की दुआई मैं तो,
झूठ कोनी बोला रे हे,
बापजी मिल्या म्हाने,
भुजा रे पसार,
बापजी ने जाणे,
भाई रे जुग संसार,
गुरु की दुआई मै तो,
झूठ कोनी बोलां रे हे।।
गायक – श्री श्योपत जी पँवार।
प्रेषक – रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052