गुरु में संसार समाया,
उनका है आशीष पाया,
प्रभु ने खुद से भी ऊँचा,
गुरु का है स्थान बताया,
ये गुरुवर तो ज्ञान के सागर है,
इनसे ही जन्नत है,
ये गुरुवर तो ज्ञान के सागर है,
इनसे ही जन्नत है।।
guru me sansar samaya lyrics
तर्ज – ये बंधन तो प्यार का।
गुरु रत्नाकर सूरी जी है,
हम सबके तारणहारे,
सबकी जीवन नैया को,
देते है वो किनारे,
57 साल उन्होंने,
है ज्ञान का अमृत बांटा,
अब उनके जन्मदिवस पर,
हम सबका है ये वादा,
जो सीखा है उसे अपनाएंगे,
खुशियों को पाएंगे,
ये गुरुवर तो ज्ञान के सागर है,
इनसे ही जन्नत है।।
रानीवाड़ा के हर घर में,
खुशियों का समां है छाया,
संगे मुकेश ने भभूतमल जी का,
सपना सच है बनाया,
गुरु है शीतल चंदा से,
सागर से गहरे ज्ञानी,
प्रभु को हमने ना देखा,
बस इनकी कही है मानी,
ये बोकड़िया परिवार धन्य हुआ,
गुरुवर से नाता जुड़ा,
ये गुरुवर तो ज्ञान के सागर है,
इनसे ही जन्नत है।।
गुरु में संसार समाया,
उनका है आशीष पाया,
प्रभु ने खुद से भी ऊँचा,
गुरु का है स्थान बताया,
ये गुरुवर तो ज्ञान के सागर है,
इनसे ही जन्नत है,
ये गुरुवर तो ज्ञान के सागर है,
इनसे ही जन्नत है।।
Singer: Vicky D Parekh (+919867121681)
Lyrics: Neha Nitesh Kumar
Aapka bahut bahut achcha laga Mera
Very nice