गुरू रे गोविन्द दिजो रे बताय,
गुरू रे गोवींद दिजो रे बताय,
गुरूजी तुम्हारा पय्याँ लागू हो,
गुरूजी तुम्हारा पय्याँ लागू हो।।
गुरू रे घट म ईधारो,
बाहेर सुज नही रे,
गुरू म्हारो ज्ञान को दिपक जलाओ
गुरूजी तुम्हारा पय्याँ लागू हो।।
गुरू रे जन्म जन्म को,
हाऊ तो सोई रयो रे,
गुरू मख अवसर म दिजो रे जगाय,
गुरूजी तुम्हारा पय्याँ लागू हो।।
गुरू रे भव सागर म,
जळ उंडो घणो रे,
गुरू रे हमक उतारो पयली पार,
गुरूजी तुम्हारा पय्याँ लागू हो।।
गुरू रे दास दल्लूजा की बिनती रे,
गुरू रे राखो तो चरण आधार,
गुरूजी तुम्हारा पय्याँ लागू हो।।
गुरू रे गोविन्द दिजो रे बताय,
गुरू रे गोवींद दिजो रे बताय,
गुरूजी तुम्हारा पय्याँ लागू हो,
गुरूजी तुम्हारा पय्याँ लागू हो।।
प्रेषक – घनश्याम बागवान सिद्दीकगंज।
7879338198
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