गुरु सप्तमी आई,
चलो भरतपुर है जाना,
राजेन्द्र सुरिस्वर के,
दर्शन है पाना।।
तर्ज – तेरे जैसा यार कहाँ।
ये भरतपुर नगरी,
लगे स्वर्ग से भी प्यारी,
ये जन्म भूमि गुरुवर की,
लगती है जग से न्यारी,
माता पिता के संग में,
गुरु मंदिर जहाँ बना,
राजेन्द्र सुरिस्वर के,
दर्शन है पाना।
गुरु सप्तमी आयी,
चलो भरतपुर है जाना,
राजेन्द्र सुरिस्वर के,
दर्शन है पाना।।
इस घरती के कण कण में,
गुरुदेव का बसेरा,
हर रोज ही लगता है,
यहाँ गुरु भक्तो का डेरा,
गुरु भक्ति की मस्ती में,
हर भक्त है दीवाना।।
राजेन्द्र सुरिस्वर के,
हमे दर्शन है पाना।
गुरु सप्तमी आयी,
चलो भरतपुर है जाना,
राजेन्द्र सुरिस्वर के,
दर्शन है पाना।।
गुरु सप्तमी आई,
चलो भरतपुर है जाना,
राजेन्द्र सुरिस्वर के,
दर्शन है पाना।।
गायक – कैलाश गांधी, नागदा।
लेखक – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’
नागदा जक्शन म.प्र.
मो. 9907023365