गुरु वकील बण आवे,
लख चौरासी का कागज फाड़े,
मुकदमो जितावे।।
कुकर्म अपना खोटा कहिए,
जो गुरुदेव ने सुनावे,
कृपा होवे सतगुरु जी की,
सब गुनाह बक्सावे।।
चोर चोरी प्रकटे नही,
जम आया प्रकटावे,
धर्मराज जब खाता खोले,
न्यायधीश न्याय सुनावे।।
सत्संग कचैड़ी कट जावे बेड़ी,
संन्त साखा भरावे,
देवे नेम टेम से पालो,
अवसर फेर नही आवे।।
गोकुल स्वामी सतगुरु देवा,
बिण बिण समझावे,
लादूदास आस गुरु की,
भव जल पार लगावे।।
गुरु वकील बण आवे,
लख चौरासी का कागज फाड़े,
मुकदमो जितावे।।
गायक – चम्पा लाल प्रजापति।
मालासेरी डूँगरी 89479-15979