गुरुदेव हमारे उपकार तुम्हारे,
हम बच्चों के कारज सारे।।
दीप ज्ञान का हृदय में जगाया,
अंधकार से आजाद कराया,
चमक से अपनी चमकाऐ सितारे,
हम बच्चों के कारज सारे।।
हरि भजन के पथ पे चलाना,
कर्म हमारा हमको बताना,
ज्ञान गंग से अमृत बरसारे,
हम बच्चों के कारज सारे।।
शरण आपकी मीला सच्चा सुख है,
दुनिया तो देती दुख ही दुख है,
नजर दया की सदा रखना प्यारे,
हम बच्चों के कारज सारे।।
प्रीत रहेगी गुरु सदा आपसे,
जीत रहेगी गुरु सदा आपसे,
गजेन्द्र स्वामी कैसे कर्ज उतारे,
हम बच्चों के कारज सारे।।
गुरुदेव हमारे उपकार तुम्हारे,
हम बच्चों के कारज सारे।।
स्वर – रविन्द्र भट्टी कुरुक्षेत्र।
लेखक / प्रेषक – गजेन्द्र स्वामी करनाल।
9996800660