गुरुदेव के चरणों में,
सौ बार नमन मेरा,
सौ बार नमन मेरा,
सौ बार नमन मेरा,
गुरुदेव के चरणो में,
सौ बार नमन मेरा।।
तर्ज – एक प्यार का नगमा।
कठिनाइयों के क्षण में,
प्रभु तुमने उबारा है,
बिखरे हुए जीवन को,
तुमने ही सवारा है,
प्रभु दूर किया तुमने,
मन का सब अंधेरा,
सौ बार नमन मेरा,
सौ बार नमन मेरा,
गुरुदेव के चरणो में,
सौ बार नमन मेरा।।
आकाश से भी ऊंचा,
स्थान तुम्हारा है,
त्रिदेव से भी ज्यादा,
सम्मान तुम्हारा है,
चरणों में जगह दे दो,
जैसा भी हूं तेरा,
सौ बार नमन मेरा,
सौ बार नमन मेरा,
गुरुदेव के चरणो में,
सौ बार नमन मेरा।।
हुआ आत्म ज्ञान हमको,
तब मैंने पहचाना,
चरणों का तेरे गुरुवर,
जग क्यूँ है दीवाना,
हम धन्य हुए गुरुवर,
पाकर साथ तेरा,
सौ बार नमन मेरा,
सौ बार नमन मेरा,
गुरुदेव के चरणो में,
सौ बार नमन मेरा।।
गुरुदेव के चरणों में,
सौ बार नमन मेरा,
सौ बार नमन मेरा,
सौ बार नमन मेरा,
गुरुदेव के चरणो में,
सौ बार नमन मेरा।।
गीतकार / गायक – राजेन्द्र प्रसाद सोनी।
8839262340
बहुत ही सुंदर शब्द व ज्ञान वर्धक भजन है मुझे बहुत अच्छा लगा और मैंने लिख भी लिया है