गुरूजी मैं तो,
बन गयो दास तुम्हारो,
बन गयो दास तुम्हारो,
गुरूजी मै तो,
बन गयो दास तुम्हारो।।
शब्द सुनाय गुरू प्यालो पिलायो,
शब्द सुनाय गुरू प्यालो पिलायो,
मिट गयो भरम अंधारो,
अरे अब म्हारी सुरता लागी राम से,
अब म्हारी सुरता लागी राम से,
ए चरण कमल चित लायो गुरूजी,
मै तो बन गयो दास तुम्हारो।।
ए सतगुरु दाता दोनो हाथ धरीया,
सतगुरु दाता दोनो हाथ धरीया,
दिनी पिचकारी मे सारा,
दोनो श्रवण थारा काम नहीं करता,
दोनो श्रवण थारा काम नही करता,
अरे जिनरे भीतर अंधीयारा,
गुरूजी मै तो बन गयो दास तुम्हारो।।
ए ब्रह्म स्वरूपी सतगुरु दाता,
ब्रह्म स्वरूपी सतगुरु दाता,
रचीया खेल अपारा,
अरे बाहर भीतर दोनो ही घट में,
बाहर भीतर दोनो ही घट में,
अरे खेले खेल अपारा,
गुरूजी मै तो बन गयो दास तुम्हारो।।
अरे सम दृष्टि सब पर राखे,
ए गुरूजी देव हमारा,
सम दृष्टि सब पर राखे,
गुरूजी देव हमारा,
अरे कहे हेमनाथ सुनो भई साधु,
कहे हेमनाथ सुनो भई साधु,
ऐसा देव निराला,
गुरूजी मै तो बन गयो दास तुम्हारो।।
गुरूजी मैं तो,
बन गयो दास तुम्हारो,
बन गयो दास तुम्हारो,
गुरूजी मै तो,
बन गयो दास तुम्हारो।।
गायक – श्याम पालीवाल जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818