गुरुजी म्हारा परोपकारी रे,
म्हारी काया सुधारी रे,
काया सुधरी जी,
गुरोसा ने जाऊ बलियारी रे,
गुरासा म्हारा परोपकारी रे,
म्हारी काया सुधारी रे।।
हे अर मै था कर्म कुजाडी रे,
गुरुजी मिलिया खिलाड़ी रे,
गुरु मलिया खिलाड़ी रे,
कर्मा री रेखा झाड़ी हे,
गुरासा म्हारा परोपकारी रे,
म्हारी काया सुधारी रे।।
मै था जन्म अधूरा ओ,
गुरु मिल गया पूरा रे,
गुरु मिलगया पूरा रे,
किना भव से दूरा हे हा,
गुरासा म्हारा परोपकारी रे,
म्हारी काया सुधारी रे।।
मै था लोहा कतीरा रे,
गुरु म्हारा पारस हीरा जी,
गुरु म्हारा पारस हीरा,
कंचन किया शरीरा,
गुरासा म्हारा परोपकारी रे,
म्हारी काया सुधारी रे।।
हारे भोलागिरी हरिगुण गावे रे,
नित उठ दर्शन पावे रे,
नित उठ दर्शन पावे रे,
आवा गमन मिटावे हे हा,
गुरासा म्हारा परोपकारी रे,
म्हारी काया सुधारी रे।।
गुरुजी म्हारा परोपकारी रे,
म्हारी काया सुधारी रे,
काया सुधरी जी,
गुरोसा ने जाऊ बलियारी रे,
गुरासा म्हारा परोपकारी रे,
म्हारी काया सुधारी रे।।
गायक – रमेश जी माली।
प्रेषक – नारायण जी माली।
9772152194