गुरु जी पधारिया मेहमान,
आज म्हारे आंगन में।।
सतगुरु आया आनन्द छाया,
फूला वाली सेज बिचाया,
कंकु का तिलक लगाय,
मौज गणी दर्शन में।
गुरुजीं पधारिया मेहमान,
आज म्हारे आंगन में।।
गादी तकिया सेज बिछाउ,
गुरु दाता ने पलंग पोड़ाऊं,
दर्शन करा जी अपार,
प्रेम बसावा हिरदा में।
गुरुजीं पधारिया मेहमान,
आज म्हारे आंगन में।।
गुरु महिमा को पार न पावे,
सभी सखियां मंगल गावे,
गूँज रही जय जयकार,
इंदर बरसे सावन में।
गुरुजीं पधारिया मेहमान,
आज म्हारे आंगन में।।
गोकुल स्वामी सतगुरु दाता,
दे उपदेश जीव जगाता,
लादूदास दास करे पुकार,
लोटू गुरु चरणा में।
गुरुजीं पधारिया मेहमान,
आज म्हारे आंगन में।।
गुरु जी पधारिया मेहमान,
आज म्हारे आंगन में।।
– गायक / प्रेषक –
चम्पा लाल प्रजापति जी।
मालासेरी डूँगरी 89479-15979