गुरुजी थारी मेहर,
संता रे मनड़े भाई वो,
संता रे मनड़े भाई वो,
भगतां रे मनड़े भाई वो,
गुरुजी थांरी महर,
संता रे मनड़े भाई वो।।
सतयुग तार द्वापर तार्यो,
त्रेता तारण आया वो,
प्रह्लादे सुं वाचा करके,
ईण कलयुग में आया वो,
प्रह्लादे सुं वाचा करके,
ईण कलयुग में आया वो,
गुरुजी थांरी महर,
संता रे मनड़े भाई वो।।
समराथल पर सतगुरु आया,
बैठा तख्त रचाई वो,
जीवां जुगति मुआ मुगति,
सब जन को समझाई वो,
जीवां जुगति मुआ मुगति,
सब जन को समझाई वो,
गुरुजी थांरी महर,
संता रे मनड़े भाई वो।।
धरती ध्यान वनस्पति वासों,
ओजुमण्डल छाया वो,
हरी कंकेड़ी मण्डप मेड़ी,
आप हुया प्रकाशा वो,
हरी कंकेड़ी मण्डप मेड़ी,
आप हुया प्रकाशा वो,
गुरुजी थांरी महर,
संता रे मनड़े भाई वो।।
विष्णु विष्णु भणरे प्राणी,
सांचों मंत्र बतायो वो,
हिरदे नाम विष्णु को जपो,
हाथां करो टवाई वो,
हिरदे नाम विष्णु को जपो,
हाथां करो टवाई वो,
गुरुजी थांरी महर,
संता रे मनड़े भाई वो।।
गुरुजी थारी मेहर,
संता रे मनड़े भाई वो,
संता रे मनड़े भाई वो,
भगतां रे मनड़े भाई वो,
गुरुजी थांरी महर,
संता रे मनड़े भाई वो।।
गायक – सुरेश डारा नरगासर।
Upload – Sharwan Bishnoi
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