ग्यारस की रात आई,
तुम श्याम को मना लो,
देता है सबको बाबा,
श्याम,,,
देता है सबको बाबा,
चाहे तो आजमा लो,
ग्यारस की रात आयी,
तुम श्याम को मना लो।।
तर्ज – आए हो मेरी ज़िन्दगी में।
ग्यारस की रात पावन,
और श्याम के मनभावन,
प्यारे भजन सुनाओ,
गुण श्याम के तुम गाओ,
आएगा कान्हा लीले चढ़,
प्रेम से बुला लो,
देता है सबको बाबा,
श्याम,,,
देता है सबको बाबा,
चाहे तो आजमा लो,
ग्यारस की रात आयी,
तुम श्याम को मना लो।।
दर्द ऐ जुदाई का गम,
तुम श्याम को सुनना,
चरणों में बैठ करके,
तुम शीश को झुकाना,
सुन लेगा श्याम दिल की,
तुम भाव से सुना लो,
देता है सबको बाबा,
श्याम,,,
देता है सबको बाबा,
चाहे तो आजमा लो,
ग्यारस की रात आयी,
तुम श्याम को मना लो।।
कलयुग में श्याम दानी,
है हारे का सहारा,
जग में न कोई अपना,
बस श्याम ही हमारा,
हो जायेगा तुम्हारा,
अपना इसे बना लो,
देता है सबको बाबा,
श्याम,,,
देता है सबको बाबा,
चाहे तो आजमा लो,
ग्यारस की रात आयी,
तुम श्याम को मना लो।।
ग्यारस की रात आई,
तुम श्याम को मना लो,
देता है सबको बाबा,
श्याम,,,
देता है सबको बाबा,
चाहे तो आजमा लो,
ग्यारस की रात आयी,
तुम श्याम को मना लो।।