हाँ रे खेल खिलाड़ियों का,
मारा सतगुरु दीदो ज्ञान,
खेल खिलाडीयों का।।
अनुभव डोरी बलद पर बांधी,
नटवो बलद पे सुरता सांधी,
गुरु कृपा के ब्रह्म विचार,
खेल खिलाडीयों का।।
मरदंग ताल सारंगी बाजे,
नटवा का ध्यान तरबिणी के छाजे,
ज्याकि धुन बेहद रुणकर,
खेल खिलाडीयों का।।
गूंगो गावे राग सुनावे,
बहरो सुने कान लगावे,
पंगलियो भाई नाच दिखावे,
आंधो देख देख हरसाय,
खेल खिलाडीयों का।।
गूंगो बहरो पांगलियो आवे,
आंधी देख उलट बोध सुनावे,
समजावे ज्याने गुरु कर मानू,
मूंगा करू जुवार,
खेल खिलाडीयों का।।
गोकुल स्वामी सतगुरु दाता,
दे उपदेश जीव जगता,
लादूदास चरण शरण में,
करता रहूं पुकार,
खेल खिलाडीयों का।।
हाँ रे खेल खिलाड़ियों का,
मारा सतगुरु दीदो ज्ञान,
खेल खिलाडीयों का।।
गायक – चम्पालाल प्रजापति।
मालासेरी डूंगरी 8947915979