हार चुका हूँ मुझे संभाल,
कृपा कर बाबा दीनदयाल,
गिरने लगा है अब तेरा लाल,
खाटू वाले मुझे संभाल,
हार चुका हूँ मुझे सँभाल,
कृपा कर बाबा दीनदयाल।।
कष्टों ने बाबा घेर लिया है,
दुःख के बादल छाए है,
खाकर दुनिया भर की ठोकर,
तेरी शरण में आये है,
बाँह पकड़ के करो निहाल,
कृपा कर बाबा दीनदयाल,
हार चुका हूँ मुझे सँभाल,
कृपा कर बाबा दीनदयाल।।
विपदा मुझपे आन पड़ी है,
चारो तरफ अन्धेरा है,
हार चुका हूँ इस दुनिया से,
एक सहारा तेरा है,
मोर छड़ी का दिखा कमाल,
कृपा कर बाबा दीनदयाल,
हार चुका हूँ मुझे सँभाल,
कृपा कर बाबा दीनदयाल।।
डगमग़ डोल रही है नईया,
आ भी जाओ लखदातार,
जीवन कश्ती डूब ना जाये,
तेरे हाथ में है पतवार,
भव सागर से मुझे निकाल,
कृपा कर बाबा दीनदयाल,
हार चुका हूँ मुझे सँभाल,
कृपा कर बाबा दीनदयाल।।
‘सिंगला’ की है बस इक आशा,
मन तेरे दर्शन का प्यासा,
दर्शन दे दो खाटू वाले,
कर दो पुरी ये अभिलाषा,
प्यार से करदो मालामाल,
कृपा कर बाबा दीनदयाल,
हार चुका हूँ मुझे सँभाल,
कृपा कर बाबा दीनदयाल।।
हार चुका हूँ मुझे संभाल,
कृपा कर बाबा दीनदयाल,
गिरने लगा है अब तेरा लाल,
खाटू वाले मुझे संभाल,
हार चुका हूँ मुझे सँभाल,
कृपा कर बाबा दीनदयाल।।
गायक / प्रेषक – दिनेश सिंगला।
9215199895