मुश्किलें क्या बढ़ाएगा बढ़ाने वाला,
है मेरा श्याम मेरा साथ निभाने वाला,
है मेरा श्याम मेरा साथ निभाने वाला।।
तर्ज – प्यार झूठा सही।
कितने कांटे बिछाने है,
बिछा लो राहों में,
रहता हूँ मैं तो,
मेरे श्याम की निगाहों में,
खुद ही कांटो में फसेगा,
अब फसाने वाला,
है मेरा श्याम मेरा साथ निभाने वाला,
है मेरा श्याम मेरा साथ निभाने वाला।।
कोई चिंता नहीं है,
ना ही अब फिकर कोई,
लाख तकलीफें चली आए,
नहीं डर कोई,
क्या मिटाएगा,
मेरी खुशियां मिटाने वाला,
है मेरा श्याम मेरा साथ निभाने वाला,
है मेरा श्याम मेरा साथ निभाने वाला।।
जब से जीवन की डोर,
इसके हाथ सौंपी है,
कोई उलझन किसी तरह की,
नहीं देखी है,
‘शर्मा’ को धरती से,
नभ पे बिठाने वाला,
है मेरा श्याम मेरा साथ निभाने वाला,
है मेरा श्याम मेरा साथ निभाने वाला।।
मुश्किलें क्या बढ़ाएगा बढ़ाने वाला,
है मेरा श्याम मेरा साथ निभाने वाला,
है मेरा श्याम मेरा साथ निभाने वाला।।
स्वर – मून कैलाश जी।