है राधा रानी कमाल सखी,
दोहा – कोई कमी नही है,
तू दर राधे के जाके देख,
देंगे तुझे दर्शन कान्हा,
तू ब्रज गलियों में आके देख,
अगर आजमाना है,
तो आजमा के देख,
भरेंगे पल में झोली खाली,
तू झोली फेला के देख।।
है राधा रानी कमाल सखी,
करे सबको मालामाल,
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
चल तू राधे के द्वार तुझे,
अखियों से दिखाऊ मैं,
अखियों से दिखाऊ।।
तर्ज – वो है जग से बेमिसाल सखी।
सखी आस मुराद,
ये भक्तो की पूरी करती,
दरबार में आने वालों,
की झोली भरती,
करे पुरे सभी सवाल सखी,
छोड़े ना कोई मलाल सखी,
तुझे क्या बतलाऊँ,
वो है करुणामई कमाल,
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ।।
तू देख नज़ारा चलके,
उस दरबार का री,
रुतबा श्रष्टि में पार है,
ब्रज सरकार का री,
हर कोई पड़ता पाँव सखी,
बने सबके वहाँ पे काम सखी,
तुझे क्या बतलाऊँ,
वो है करुणामई कमाल,
Bhajan Diary,
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ।।
हैं राधा रानी कमाल सखी,
करे सबको मालामाल,
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
चल तू राधे के द्वार तुझे,
अखियों से दिखाऊ मैं,
अखियों से दिखाऊ।।
गायक – रामकुमार जी लक्खा।