है सात सुख दुनिया रा,
घर घर में आय बिराजे,
भेरूनाथ रा घूघरिया,
भेरूंनाथ रा घूघरिया,
जद आंगणे मे बाजे रे,
हे सात सुख दुनिया रा,
घर घर में आय बिराजे।।
छवी एक बटक रूप धारी,
श्वान पर सोहे असवारी,
तरस गया दरश ने संसारी,
नाथ कद आवे गली म्हारी,
मद मस्त हो के नाचे,
मद मस्त हो के नाचे रे,
कद जोगण्या रे सागे,
हे सात सुख दुनिया रा,
घर घर में आय बिराजे।।
धर्म री ध्वजा रा रखवाला,
रूप धर गौरा और काला,
बनारस काशी रा वासी,
नाम भेरूं जी मतवाला,
भक्तों री आत्मा मे,
भक्तों री आत्मा मे,
बाबे रा डमरू बाजे रे
हे सात सुख दुनिया रा,
घर घर में आय बिराजे।।
कृपालु नाथ कृपा करदो,
पगलिया म्हारे घरां धरदो,
आओ थे बटक रूप आओ,
थे सुख रा सावण बरसाओ,
थांरी उडीक बाबा,
थांरी उडीक बाबा,
सब रात रात जागे रे,
हे सात सुख दुनिया रा,
घर घर में आय बिराजे।।
है सात सुख दुनिया रा,
घर घर में आय बिराजे,
भेरूनाथ रा घूघरिया,
भेरूंनाथ रा घूघरिया,
जद आंगणे मे बाजे रे,
हे सात सुख दुनिया रा,
घर घर में आय बिराजे।।
गायक – नवदीप बीकानेरी।
प्रेषक – अर्जुन भट्ट सींथल।
9829569182