है सबसे शोभा न्यारी,
रमण बिहारी की,
जाऊं बार बार बलिहारी,
मेरे रमण बिहारी की,
हैं सबसे शोभा न्यारी,
कुञ्ज बिहारी की,
जाऊं बार बार बलिहारी,
मेरे रमण बिहारी की।।
मुस्काए मुरली बजाए,
गुलाबी अधरों से,
कस कस तीर चलाए,
नशीली नजरों से,
घुंघराली अलके,
नागिन सी लटकारी की,
जाऊं बार बार बलिहारी,
मेरे रमण बिहारी की।।
नख से शिख तक सिंगार,
जड़ाऊ गहने है,
काछनी बूटीदार,
पीताम्बर पहने है,
सिर साजे टेढ़ी पाग,
नैन सुखकारी की,
जाऊं बार बार बलिहारी,
मेरे रमण बिहारी की।।
तुम्हे साधन कर अपनाऊं,
ये मेरे हाथ नहीं,
तुम ही प्राणो के प्राण,
ये झूठी बात नहीं,
तुम स्वामी और मैं,
दासी भानु दुलारी की,
जाऊं बार बार बलिहारी,
मेरे रमण बिहारी की।।
रहे रमण ह्रदय में,
तिहारा सदा ये मन चाहे,
द्रढ़ सम्बन्ध हमेशा,
आप से बन जाए,
कर दो अभिलाषा पूरण,
दीन भिखारी की,
Bhajan Diary Lyrics,
जाऊं बार बार बलिहारी,
मेरे रमण बिहारी की।।
है सबसे शोभा न्यारी,
रमण बिहारी की,
जाऊं बार बार बलिहारी,
मेरे रमण बिहारी की,
हैं सबसे शोभा न्यारी,
कुञ्ज बिहारी की,
जाऊं बार बार बलिहारी,
मेरे रमण बिहारी की।।
गायक – मनदीप जी बैरागी।