है तमन्ना यही खाटु वाले प्रभु,
मैं जनम भर तेरे गीत गाता रहूँ,
सिर्फ देखा करूँ तेरी बांकी छवि,
और चरणों में सर को झुकाता रहूँ।।
तर्ज – तुम अगर साथ देने का वादा करो
यूँ तो कितने है दुनिया में दाता मगर,
कोई तुमसा दयालु और दानी नही,
भेद माया का तेरी ना पाया कोई,
आजतक सुर असुर संत ज्ञानी नही,
बस दया मुझपे हे मुरली वाले रहे,
मैं कठिन दुःख में भी मुस्कुराता रहूं,
है तमन्ना यही खाटु वाले प्रभु,
मैं जनम भर तेरे गीत गाता रहूँ।।
जिसको मेने है दिल में बसाया सदा,
तुम वही दानी खाटु के श्री श्याम हो,
कष्ट भक्तो के हर लेने वाले प्रभु,
दिनों के बंधू दाता दयावान हो,
तुम सदा मुझको अपना समझते रहो,
फूल मैं आंसुओ के चढ़ाता रहूं,
है तमन्ना यही खाटु वाले प्रभु,
मैं जनम भर तेरे गीत गाता रहूँ।।
है भरोसा बड़ा श्याम मुझको तेरा,
है सिवा आपके अब सहारा नही,
हाथ शर्मा का हे नाथ ना छोड़ना,
कोई तेरे सिवा अब हमारा नही,
अपने चरणों की छाया में रखलो मुझे,
मैं सदा तेरी सेवा बजाता रहूं,
है तमन्ना यही खाटु वाले प्रभु,
मैं जनम भर तेरे गीत गाता रहूँ।।
है तमन्ना यही खाटु वाले प्रभु,
मैं जनम भर तेरे गीत गाता रहूँ,
सिर्फ देखा करूँ तेरी बांकी छवि,
और चरणों में सर को झुकाता रहूँ।।