हालो दीवाना यूं कई बैठा,
आगे तो मौज मजा की है,
साचा गुरू रा साचा चैला,
झुठो ने माया खा गई है हो जी।।
सतगुरु दाता सेंण बताई,
म्हारी सुरता सुंदरी जागी है,
अनहद फेरा फरवा लागी,
आ पिचम दिशा ले भागी है हो जी,
हालों दीवाना यूं कई बैठा,
आगे तो मौज मजा की है।।
लेकर पिया ने सूती सेज पर,
करवट लेकर जागी है,
ओम सोम दोई ढोल बजावे,
अब सूरज उगण ने लागी है हो जी,
हालों दीवाना यूं कई बैठा,
आगे तो मौज मजा की है।।
अष्ट द्वादश जाकर देख्या,
झिलमिल ज्योति जागी है,
त्रिवेणी की घाटी लागंता,
सोम शिखर गढ़ आ गई है हो जी,
हालों दीवाना यूं कई बैठा,
आगे तो मौज मजा की है।।
शंकर स्वामी सेंण बताई,
असंख जुगा से आगी है,
रामू दुर्बल सतगुरु चरणें,
म्हारी सूती नगरी जागी हैहो जी,
हालों दीवाना यूं कई बैठा,
आगे तो मौज मजा की है।।
हालो दीवाना यूं कई बैठा,
आगे तो मौज मजा की है,
साचा गुरू रा साचा चैला,
झुठो ने माया खा गई है हो जी।।
गायक – सुरेश लोहार।
प्रेषक – पुखराज पटेल बांटा
9784417723