हमारे घर कीर्तन है,
ओ बाबा तुम्हे आना है,
दीवाने भक्तों को,
दरश दिखाना है,
हम सेवक थोड़े नादान है,
हम सेवक थोड़े नादान है,
सेवा और पूजा से थोड़े अनजान है,
हमारे घर किर्तन है,
ओ बाबा तुम्हे आना है।।
तर्ज – मेरा एक सपना है।
हीरे मोती ना सोने के हार है,
प्रेम भाव से किया तेरा श्रृंगार है,
बिछाए पलकों को करे इंतजार तेरा,
बिछाए पलकों को करे इंतजार तेरा।।
सारी दुनिया झूठी प्रीत निभाती है,
पागल कहके हंसी मेरी ये उड़ाती है,
की सारी दुनिया को तुम्हे ही समझाना है,
की सारी दुनिया को तुम्हे ही समझाना है।।
जैसे हमसे सेवा बनी स्वीकार करो,
कहे ‘मोहित’ हम भक्तो पे उपकार करो,
जो रुखा सुखा है वो भोग लगाना है,
जो रुखा सुखा है वो भोग लगाना है।।
हमारे घर कीर्तन है,
ओ बाबा तुम्हे आना है,
दीवाने भक्तों को,
दरश दिखाना है,
हम सेवक थोड़े नादान है,
हम सेवक थोड़े नादान है,
सेवा और पूजा से थोड़े अनजान है,
हमारे घर किर्तन है,
ओ बाबा तुम्हे आना है।।
Singer – Bunty Sharma