हमारे श्याम आज दूल्हा बने है,
दूल्हा बने है बनड़ा बने है,
हमारे श्याम आज दूल्हा बने हैं।।
शीश श्याम के सेहरा सोहे,
शीश श्याम के सेहरा सोहे,
गल में हार पड़े है,
गल में हार पड़े है,
हमारे श्याम आज दूल्हा बने हैं।।
अधर श्याम के पान की लाली,
अधर श्याम के पान की लाली,
होठों पे मुरली धरे है,
होठों पे मुरली धरे है,
हमारे श्याम आज दूल्हा बने हैं।।
‘चित्र-विचित्र’ मिल गावे बधाई,
‘चित्र-विचित्र’ मिल गावे बधाई,
बंदन वार सजे है,
बंदन वार सजे है,
हमारे श्याम आज दूल्हा बने हैं।।
हमारे श्याम आज दूल्हा बने है,
दूल्हा बने है बनड़ा बने है,
हमारे श्याम आज दूल्हा बने हैं।।
स्वर – श्री चित्र विचित्र महाराज जी।