हर घड़ी मुझे यही अहसास हो रहा,
सोचकर ये मैं कन्हैया आज रो रहा,
हरपल मेरे संग में है तू,
जीवन के हर रंग में है तू।।
तर्ज – हर घड़ी बदल रही है।
कुछ नहीं देता है दिखाई,
तेरे सिवा मेरे कन्हाई,
सांसो में तू धड़कन में तू,
नस नस में तू रग रग में तू,
हर घड़ी मुझें यही अहसास हो रहा,
सोचकर ये मैं कन्हैया आज रो रहा,
हरपल मेरे संग में है तू,
जीवन के हर रंग में है तू।।
तेरी कृपा मैं पा रहा हूँ,
तेरे ही गुण मैं गा रहा हूँ,
मेरी ज़िन्दगी मस्ती है तू,
सबसे बडी हस्ती है तू,
हर घड़ी मुझें यही अहसास हो रहा,
सोचकर ये मैं कन्हैया आज रो रहा,
हरपल मेरे संग में है तू,
जीवन के हर रंग में है तू।।
बंधन हमारा टूटे ना,
साथ हमारा छूटे ना,
‘श्याम’ कहे हमारा है तू,
यार बड़ा प्यारा है तू,
हर घड़ी मुझें यही अहसास हो रहा,
सोचकर ये मैं कन्हैया आज रो रहा,
हरपल मेरे संग में है तू,
जीवन के हर रंग में है तू।।
हर घड़ी मुझे यही अहसास हो रहा,
सोचकर ये मैं कन्हैया आज रो रहा,
हरपल मेरे संग में है तू,
जीवन के हर रंग में है तू।।
स्वर – रवि बेरीवाल जी।