हर ग्यारस की ग्यारस तुमसे,
मुलाकात हो जाए,
तुम सामने बैठे हो,
थोड़ी बात हो जाए।।
तर्ज – अफसाना लिख रही हूँ।
तेरा और मेरा साँवरे,
ये कैसा नाता है-2,
हर ग्यारस की ग्यारस,
खाटु ले आता है-2,
हर बार ये दिल करता है,
कोई करामात हो जाए,
तुम सामने बैठे हो,
थोड़ी बात हो जाए।।
तेरे मंदिर के आगे जो बाबा,
वक़्त गुज़रता है-2,
उस वक़्त हमे खाटु का नजारा,
स्वर्ग सा लगता है-2,
सब प्रेमियो संग,
भजनो की बरसात हो जाए,
तुम सामने बैठे हो,
थोड़ी बात हो जाए।।
तेरे दर्शन पाकर श्याम,
खुशी से फूल जाता हूँ-2,
जो कुछ आता हूँ कहने,
आकर भूल जाता हूँ-2,
फिर सोचता हूँ ऐसे कोई,
हालात हो जाए
तुम सामने बैठे हो,
थोड़ी बात हो जाए।।
मन की बाते सारी मेरे,
मन में रह जाती है-2,
अंतर्यामी हो सोच के
आँखे नम हो जाती है-2,
बिन माँगे ‘रोमी’ के पुरे,
ख़यालात हो जाए,
तुम सामने बैठे हो,
थोड़ी बात हो जाए।।
हर ग्यारस की ग्यारस तुमसे,
मुलाकात हो जाए,
तुम सामने बैठे हो,
थोड़ी बात हो जाए।।
Singer : Sardar Harmindar Singh “Romi”
Ago Sunday man raise khatu pahuch gaya “room ji” jai Sri khatu shan ki
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Bahut hi sunder
Sunder Bhajan