हर ग्यारस ने चलके,
जो खाटू आवेगा,
अरे लिख के लेलो जब तक जीवे,
मौज उड़ावेगा।।
बैठ के खाटू नगरी में,
खेल सब खेल रया सै वो,
वो म्हारे कर्मा का लेखा,
उने ते देख रया से वो,
नाच नाच के जो भी,
बाबा ने रिझावेगा,
अरे लिख के लेलो जब तक जीवे,
मौज उड़ावेगा।।
बड़े किस्मत वाले है वो,
जो चल कीर्तन में आते है,
श्याम की चौखट पे आके,
मुरादें मन की पाते है,
बाबा की सेवा में जो,
दिन रात बितावेगा,
अरे लिख के लेलो जब तक जीवे,
मौज उड़ावेगा।।
मैं भी इस बार फागण में,
श्याम मेले में जाऊँगा,
ध्वजा हाथो में लेकर मैं,
संग परिवार आऊंगा,
‘नाथ’ भी बाबा भगता के,
संग नाचे गावेगा,
अरे लिख के लेलो जब तक जीवे,
मौज उड़ावेगा।।
हर ग्यारस ने चलके,
जो खाटू आवेगा,
अरे लिख के लेलो जब तक जीवे,
मौज उड़ावेगा।।
Singer – Ajay Sharma