हर हर महादेव शम्भू,
काशी विश्वनाथ गंगे,
हर हर भूतनाथ शंभू,
काशी विश्वनाथ गंगे,
हर हर वैद्यनाथ शंभू,
काशी विश्वनाथ गंगे,
काशी विश्वनाथ गंगे,
सदा शिव पार्वती संगे,
हर हर महादेव शंभू,
काशी विश्वनाथ गंगे।।
नमो निरंजन निराकार,
साकार बने अरधंगा,
पलित कपोल भाल उर राजत,
पिये हलाहल भंगा,
हर हर महादेव शंभू,
काशी विश्वनाथ गंगे।।
डिमिक डिमिक डम डमरू बाजे,
गावत ताल तरंगा,
ढिमिक ढिमिक धीम बाजे पखावज,
मुरली और मोर चंगा,
हर हर महादेव शंभू,
काशी विश्वनाथ गंगे।।
जटन बीच में गंगा नाचे,
नाचत भुजग भुजंगा,
अपनी धुन में गणपति नाचे,
नाचे रिद्धि सिद्धि संगा,
हर हर महादेव शंभू,
काशी विश्वनाथ गंगे।।
कैलाशी काशी के वासी,
अमरनाथ दुख भंजन,
उज्जैनी के महाकाल है,
भक्तो के चितरंजन,
हर हर महादेव शंभू,
काशी विश्वनाथ गंगे।।
ब्रह्मा नाचे विष्णु नाचे,
नाचे देवलोक सारा,
झूम झूम के नारद नाचे,
गूंजे सदा जयकारा,
हर हर महादेव शंभू,
काशी विश्वनाथ गंगे।।
हर हर महादेव शम्भू,
काशी विश्वनाथ गंगे,
हर हर भूतनाथ शंभू,
काशी विश्वनाथ गंगे,
हर हर वैद्यनाथ शंभू,
काशी विश्वनाथ गंगे,
काशी विश्वनाथ गंगे,
सदा शिव पार्वती संगे,
हर हर महादेव शंभू,
काशी विश्वनाथ गंगे।।
गायक – विजय जी सोनी।
प्रेषक – दिनेश सैनी।
7828988409