इस दुनिया में बाबा,
मैं जितने जन्म पाऊं,
हर जनम में गुरु गोरख,
तेरा भगत में बण जाऊं।।
मेरी जीवन गाड़ी का,
बाबा तू ही ड्राइवर हो,
तेरे हाथों के नीचे,
इस सेवक का सर हो,
तनै शिव के गुण गाए,
मैं तेरे गुण गाऊँ,
हर जन्म में गुरु गोरख,
तेरा भगत में बण जाऊं।।
रंग अपणी भक्ति का,
मेरै रखिए चढ़ा कै न,
चरणों में गुरु गोरख,
मनै रखिए बैठा क न,
मनै तू हे नजर आवै,
जब अपणी नजर ठाऊं,
हर जन्म में गुरु गोरख,
तेरा भगत में बण जाऊं।।
अपणा तो नाथ मेरे,
न्यूवे लाड यो बणया रहवै,
मैं लाडला गोरख का,
सब अपणे मूँह त कहवैं,
मेरे दिल की धड़कन में,
तू ही हो न्यू चाहूं,
हर जन्म में गुरु गोरख,
तेरा भगत में बण जाऊं।।
सतनैरण शर्मा का,
लक्की प्यारा चेल्ला हो,
गजेन्द्र कुड़लणीया,
रहता मेरे गेल्यां हो,
तेरे भजन लिखै प्यारे,
रंग नये नये गाऊँ,
हर जन्म में गुरु गोरख,
तेरा भगत में बण जाऊं।।
इस दुनिया में बाबा,
मैं जितने जन्म पाऊं,
हर जनम में गुरु गोरख,
तेरा भगत में बण जाऊं।।
गायक – लक्की पिचौलिया।
लेखक – गजेन्द्र स्वामी कुड़लण।
9996800660