हर रोती हुई आँख को हंसा,
तेरी मेहरबानी होवेगी,
हर हारे हुए प्रेमी को जीता,
तेर मेहरबानी होवेगी।।
तर्ज – बाबा करले तू इथे भी नज़र।
बार बार दर कोई आके जब रोता है,
दूसरा भी प्रेमी विश्वास को खोता है,
ना किसी का यूँ भरोसा तू डिगा,
तेरी मेहरबानी होवेगी,
हर रोती हुई आंख को हंसा,
तेरी मेहरबानी होवेगी।।
भोगना पड़े जो हमें कर्मो का फल है,
तेरा दरबार किस समस्या का हल है,
क्षमा करके तू रस्ता दिखा,
तेरी मेहरबानी होवेगी,
हर रोती हुई आंख को हंसा,
तेरी मेहरबानी होवेगी।।
रोग वाले रोगी ही मिलते हकीम से,
होक लाचार सब आते हैं यकीन से,
मेरे रोग वाली दवा तो बता,
तेरी मेहरबानी होवेगी,
हर रोती हुई आंख को हंसा,
तेरी मेहरबानी होवेगी।।
मुझ जैसे पापी पे भी करते रहम हो,
तोड़ दे तू प्रेमियों का कोई भी वहम हो,
ज़रा ‘रोमी’ को भी जलवा दिखा,
तेरी मेहरबानी होवेगी,
हर रोती हुई आंख को हंसा,
तेरी मेहरबानी होवेगी।।
हर रोती हुई आँख को हंसा,
तेरी मेहरबानी होवेगी,
हर हारे हुए प्रेमी को जीता,
तेर मेहरबानी होवेगी।।
Singer – Sanjay Pareek Ji
Lyricist – Sardar Romi Ji